हार्ट में स्टेंट डालने के बाद दुबारा हार्ट अटैक आ सकता है, लेकिन यह कई कारकों पर निर्भर करता है। स्टेंट डालने का उद्देश्य रक्तवाहिकाओं को खोलना होता है, ताकि दिल तक पर्याप्त खून पहुंचे और हार्ट अटैक का खतरा कम हो। हालांकि, अगर कुछ खास कारणों से रक्त वाहिकाओं में फिर से रुकावट आ जाती है, तो हार्ट अटैक का जोखिम बना रह सकता है।
हार्ट स्टेंट डालने के बाद हार्ट अटैक के कारण:
- स्टेंट की रुकावट (Restenosis):
- कभी-कभी स्टेंट के अंदर की रक्तवाहिका फिर से संकुचित हो सकती है, जिसे restensosis कहते हैं। इसका मतलब है कि स्टेंट डालने के बाद भी खून की आपूर्ति फिर से बाधित हो सकती है, जिससे दिल तक खून की आपूर्ति कम हो सकती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
- थ्रोम्बोसिस (Thrombosis):
- स्टेंट के अंदर खून का थक्का (clot) बन सकता है, जिसे stent thrombosis कहते हैं। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और इसके कारण अचानक हार्ट अटैक हो सकता है। अगर थक्का पूरी तरह से रक्तवाहिका को ब्लॉक कर देता है, तो दिल को खून की आपूर्ति रोक जाती है और अटैक हो सकता है।
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण न होना:
- अगर मरीज का ब्लड प्रेशर, शुगर, या कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित नहीं रहता, तो यह फिर से धमनी में ब्लॉकेज का कारण बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
- धूम्रपान और अन्य खराब आदतें:
- धूम्रपान, शराब का सेवन, और अस्वस्थ आहार जैसे कारक स्टेंट डालने के बाद भी हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ये आदतें रक्त वाहिकाओं को फिर से संकुचित कर सकती हैं और दिल के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं।
- अपर्याप्त दवाइयां या इलाज:
- स्टेंट डालने के बाद मरीजों को कुछ दवाइयां जैसे एंटी-प्लेटलेट्स (जैसे, Aspirin या Clopidogrel) दी जाती हैं ताकि खून का थक्का न बने। अगर दवाइयां सही से न ली जाएं या रुक जाएं, तो भी हार्ट अटैक हो सकता है।
स्टेंट डालने के बाद दुबारा हार्ट अटैक से बचने के उपाय:
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नियमित चेकअप:
- डॉक्टर से नियमित चेकअप कराना बहुत जरूरी है ताकि रक्तवाहिकाओं की स्थिति और दिल की सेहत पर निगरानी रखी जा सके। ECG, Echocardiogram और अन्य टेस्ट समय-समय पर कराए जाने चाहिए।
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स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:
- संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से बचाव, और वजन का नियंत्रण करना जरूरी है। यह रक्त वाहिकाओं की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
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दवाइयों का सही सेवन:
- डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सही तरीके से सेवन करें, विशेष रूप से एंटी-प्लेटलेट्स और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाइयों का। इन दवाइयों से रक्त के थक्के बनने का खतरा कम होता है।
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ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल करें:
- उच्च रक्तचाप (high blood pressure) और शुगर का उचित इलाज करें, क्योंकि ये दोनों हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
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स्ट्रेस कम करें:
- मानसिक तनाव भी दिल की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। ध्यान, योग, और मानसिक शांति के उपायों से तनाव को कम करने का प्रयास करें।
निष्कर्ष:
हार्ट में स्टेंट डालने के बाद भी हार्ट अटैक का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं होता, लेकिन उचित इलाज, दवाइयों का सही सेवन, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए, नियमित चिकित्सीय जांच, स्वस्थ आदतें, और डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना जरूरी है।
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