cervical pain symptoms in hindi

cervical pain symptoms in hindi

 गर्दन के निचले हिस्से में दर्द (Cervical Pain) के लक्षण:

गर्दन के निचले हिस्से में दर्द, जिसे सर्वाइकल पेन (Cervical Pain) भी कहा जाता है, आमतौर पर गर्दन के आस-पास की मांसपेशियों, हड्डियों और तंत्रिकाओं में समस्या होने पर होता है। यह दर्द आमतौर पर गर्दन के ऊपरी हिस्से से लेकर कंधे और पीठ के बीच के क्षेत्र में महसूस होता है। अगर आपको या किसी को यह दर्द महसूस हो रहा है, तो यह जानना जरूरी है कि इसके क्या लक्षण हो सकते हैं और इसके कारण क्या हो सकते हैं।

सर्वाइकल पेन के सामान्य लक्षण:

  1. गर्दन में दर्द: सर्वाइकल पेन का सबसे सामान्य लक्षण है गर्दन में दर्द महसूस होना। यह दर्द हल्का से लेकर तेज़ तक हो सकता है और आमतौर पर गर्दन के पिछले हिस्से में होता है।

  2. गर्दन में अकड़न: जब गर्दन में अकड़न या जकड़न महसूस होने लगे, तो यह सर्वाइकल पेन का संकेत हो सकता है। अक्सर, आप अपनी गर्दन को घुमा नहीं पाते या उसे एक जगह पर स्थिर रख पाते हैं।

  3. कंधे और पीठ में दर्द: सर्वाइकल पेन की वजह से कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्से में भी दर्द हो सकता है। यह दर्द धीरे-धीरे पूरे कंधे और ऊपरी पीठ में फैल सकता है।

  4. सिरदर्द: गर्दन के दर्द के साथ-साथ सिरदर्द भी हो सकता है, जिसे सर्वाइकल सिरदर्द (Cervical Headache) कहा जाता है। यह दर्द खासतौर पर सिर के पिछले हिस्से में महसूस होता है और कभी-कभी माथे तक भी पहुंच सकता है।

  5. सूंघने या महसूस करने की क्षमता में कमी: यदि दर्द या समस्या तंत्रिका पर दबाव डाल रही हो, तो हाथों या पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी महसूस हो सकती है।

  6. मांसपेशियों में कमजोरी: सर्वाइकल पेन के कारण मांसपेशियों में कमजोरी भी महसूस हो सकती है, जिससे आपको हाथ या कंधे को उठाने में कठिनाई हो सकती है।

  7. चक्कर आना और उलझन: कुछ मामलों में, गर्दन में दर्द के साथ चक्कर आना या हल्की उलझन भी हो सकती है। यह तब होता है जब तंत्रिकाओं पर अधिक दबाव होता है।

सर्वाइकल पेन के कारण:

  1. गलत मुद्रा (Posture): लंबे समय तक गलत तरीके से बैठने, कंप्यूटर पर काम करने, या मोबाइल का इस्तेमाल करने से गर्दन पर दबाव पड़ सकता है, जिससे दर्द होता है।

  2. गर्दन की हड्डियों में बदलाव: उम्र बढ़ने के साथ, सर्वाइकल डिस्क (Cervical Disc) में सूजन, घिसाव, या क्षति हो सकती है, जिससे दर्द और अकड़न हो सकती है।

  3. चोट या मोच: दुर्घटनाओं या खेल गतिविधियों के दौरान गर्दन में चोट लगने से सर्वाइकल पेन हो सकता है।

  4. सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: यह स्थिति तब होती है जब गर्दन की हड्डियों और डिस्क में उम्र बढ़ने के कारण बदलाव आते हैं, और इससे दर्द और अकड़न होती है।

  5. गर्दन में तनाव: मानसिक तनाव या मानसिक थकावट भी गर्दन में दर्द और अकड़न का कारण बन सकती है।

सर्वाइकल पेन से बचाव के उपाय:

  1. सही मुद्रा में बैठें: हमेशा अपनी पीठ सीधी रखें और गर्दन को झुकने से बचाएं। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से बचें।

  2. गर्दन के व्यायाम करें: हल्के-फुल्के गर्दन और कंधे के व्यायाम करें। इससे मांसपेशियां मजबूत रहेंगी और दर्द कम होगा।

  3. तनाव कम करें: मानसिक तनाव कम करने के लिए ध्यान, योग, या गहरी सांस लेने के व्यायाम करें।

  4. गर्म या ठंडी सिकाई: दर्द वाली जगह पर गर्म या ठंडी सिकाई करने से राहत मिल सकती है। इससे सूजन कम होती है और मांसपेशियों को आराम मिलता है।

  5. स्वस्थ आहार: हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर आहार लें।

जब डॉक्टर से संपर्क करें:

अगर आपको सर्वाइकल पेन के साथ तेज दर्द, सुन्नपन, कमजोरी, या चक्कर आने जैसी गंभीर समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, और इलाज की जरूरत हो सकती है।

निष्कर्ष:
गर्दन का दर्द आमतौर पर हल्का और अस्थायी हो सकता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बने रहने लगे या गंभीर हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही तरीका अपनाकर, जैसे कि अच्छा आहार, सही मुद्रा, और व्यायाम, आप इस दर्द से राहत पा सकते हैं।

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