पित्ती रोग क्या है (Pitti Rog Kya Hai)
H2: पित्ती रोग की परिभाषा
H3: आयुर्वेद में पित्ती रोग की व्याख्या
H3: एलोपैथी में पित्ती रोग क्या है
H2: पित्ती रोग के प्रकार
H3: तीव्र पित्ती रोग (Acute Urticaria)
H3: पुराना पित्ती रोग (Chronic Urticaria)
H3: शारीरिक पित्ती रोग (Physical Urticaria)
H2: पित्ती रोग के लक्षण
H3: सामान्य लक्षण
H3: गंभीर लक्षण
H2: पित्ती रोग के कारण
H3: आहार संबंधी कारण
H3: पर्यावरणीय कारण
H3: मानसिक तनाव और जीवनशैली
H2: पित्ती रोग का निदान कैसे करें
H3: त्वचा परीक्षण (Skin Test)
H3: ब्लड टेस्ट और मेडिकल हिस्ट्री
H2: पित्ती रोग का उपचार
H3: एलोपैथिक इलाज
H3: आयुर्वेदिक उपचार
H3: घरेलू उपाय
H2: पित्ती रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं
H3: लाभकारी आहार
H3: वर्जित खाद्य पदार्थ
H2: बच्चों में पित्ती रोग
H3: बच्चों में लक्षण और इलाज
H2: पित्ती रोग और एलर्जी में अंतर
H2: क्या पित्ती रोग संक्रामक होता है?
H2: जीवनशैली में बदलाव से राहत
H2: पित्ती रोग से बचाव के उपाय
H2: मिथक और सच्चाई
H2: निष्कर्ष
H2: FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
🩺 पित्ती रोग क्या है?
पित्ती रोग (Urticaria), जिसे आमतौर पर “छपाकी” या “नालेरिया” भी कहा जाता है, एक प्रकार की एलर्जिक स्किन कंडीशन है जिसमें त्वचा पर खुजलीदार, लाल, उभरी हुई चकत्ते (rashes) उभर आते हैं। यह शरीर की इम्यून सिस्टम की एक प्रतिक्रिया होती है, जो आमतौर पर किसी एलर्जी, दवा या मानसिक तनाव के कारण होती है।
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पित्ती रोग की परिभाषा
आयुर्वेद में पित्ती रोग की व्याख्या
आयुर्वेद में इसे Sheetpitta कहा जाता है, जो तीन दोषों – वात, पित्त और कफ – में असंतुलन के कारण होता है। इसमें विशेष रूप से पित्त दोष की अधिकता शरीर में गर्मी बढ़ाकर स्किन को प्रभावित करती है।
एलोपैथी में पित्ती रोग क्या है
एलोपैथी में इसे Urticaria कहा जाता है। इसमें शरीर में हिस्टामाइन (Histamine) नामक केमिकल रिलीज होता है, जिससे स्किन में सूजन, खुजली और लालपन आ जाता है।
पित्ती रोग के प्रकार
1. तीव्र पित्ती रोग (Acute Urticaria)
यह अचानक शुरू होता है और आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर कुछ हफ्तों तक रहता है। इसका कारण फूड एलर्जी, कीड़े के काटने या दवाइयां हो सकती हैं।
2. पुराना पित्ती रोग (Chronic Urticaria)
अगर पित्ती 6 हफ्तों से ज्यादा समय तक बनी रहती है, तो उसे Chronic Urticaria कहा जाता है। इसमें कारणों का पता लगाना मुश्किल होता है।
3. शारीरिक पित्ती रोग (Physical Urticaria)
इस प्रकार की पित्ती खास तापमान, पसीना, सूरज की रोशनी, दबाव या कंपन के कारण होती है।
पित्ती रोग के लक्षण
सामान्य लक्षण
त्वचा पर उभरे हुए लाल या गुलाबी रंग के चकत्ते
तीव्र खुजली
चकत्तों का आकार बदलना
त्वचा पर जलन
गंभीर लक्षण
चेहरे, होंठ या गले में सूजन
सांस लेने में कठिनाई
चक्कर या बेहोशी (Anaphylaxis के लक्षण – मेडिकल इमरजेंसी)
पित्ती रोग के कारण
आहार संबंधी कारण
समुद्री भोजन, अंडा, दूध
सूखे मेवे, चॉकलेट
मसालेदार भोजन
पर्यावरणीय कारण
धूल, परागकण, धूप
कीटों का काटना
अत्यधिक गर्मी या ठंड
मानसिक तनाव और जीवनशैली
नींद की कमी
अत्यधिक तनाव
हार्मोनल बदलाव
पित्ती रोग का निदान कैसे करें
त्वचा परीक्षण (Skin Test)
एलर्जी की पुष्टि के लिए स्किन प्रिक टेस्ट किया जाता है जिसमें स्किन पर संभावित एलर्जन लगाए जाते हैं।
ब्लड टेस्ट और मेडिकल हिस्ट्री
ईओसिनोफिल काउंट, IgE टेस्ट और व्यक्तिगत इतिहास पित्ती के प्रकार और कारण की पहचान में मदद करते हैं।
पित्ती रोग का उपचार
एलोपैथिक इलाज
एंटीहिस्टामिन दवाएं (Cetirizine, Loratadine)
स्टेरॉइड्स (गंभीर मामलों में)
इम्यूनोथेरेपी (क्रॉनिक मामलों के लिए)
आयुर्वेदिक उपचार
त्रिफला, नीम, गिलोय का सेवन
रक्त शोधन औषधियाँ
पंचकर्म थेरेपी
घरेलू उपाय
एलोवेरा जेल लगाना
नीम की पत्तियों का लेप
ओटमील बाथ
ठंडी पट्टी रखना
पित्ती रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं
लाभकारी आहार
ताजे फल (सेब, पपीता)
हरी सब्जियाँ
नारियल पानी
गुनगुना पानी
वर्जित खाद्य पदार्थ
खट्टी चीजें
डेयरी उत्पाद
तली-भुनी चीजें
अत्यधिक मिर्च-मसाले
बच्चों में पित्ती रोग
लक्षण और इलाज
बच्चों में एलर्जी से पित्ती जल्दी फैलती है
डॉक्टर की सलाह से हल्की एंटीहिस्टामिन दें
घर का साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
पित्ती रोग और एलर्जी में अंतर
एलर्जी एक व्यापक प्रतिक्रिया है जबकि पित्ती एलर्जी की एक विशेष त्वचा संबंधी प्रतिक्रिया है। हर पित्ती एलर्जी से नहीं होती, और हर एलर्जी में पित्ती नहीं होती।
क्या पित्ती रोग संक्रामक होता है?
नहीं, यह एक गैर-संक्रामक रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता।
जीवनशैली में बदलाव से राहत
समय पर सोना और जागना
योग और ध्यान
तनाव कम करना
स्किन की सफाई और हाइजीन बनाए रखना
पित्ती रोग से बचाव के उपाय
ज्ञात एलर्जन से दूर रहें
स्किन पर मॉइस्चराइजर लगाते रहें
सिंथेटिक कपड़ों से बचें
धूल और प्रदूषण से बचाव करें
मिथक और सच्चाई
| मिथक | सच्चाई |
|---|---|
| पित्ती छूने से फैलती है | नहीं, यह संक्रामक नहीं है |
| सिर्फ खाने से होती है | अन्य कारण जैसे तनाव, धूप आदि भी जिम्मेदार हैं |
| इसका कोई इलाज नहीं | सही इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है |
निष्कर्ष
पित्ती रोग दिखने में मामूली लग सकता है, लेकिन यह शरीर की एक गहरी प्रतिक्रिया है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि समय रहते इसका निदान और इलाज किया जाए, तो इससे राहत पाना आसान है। एल
र्जी की पहचान, जीवनशैली में बदलाव और डॉक्टर की सलाह इस रोग पर काबू पाने में सहायक होते हैं।
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❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: क्या पित्ती रोग जीवनभर बना रह सकता है?
कुछ मामलों में पुराना पित्ती रोग लंबे समय तक रह सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह नियंत्रित किया जा सकता है।
Q2: क्या आयुर्वेद से पित्ती रोग का इलाज संभव है?
हाँ, आयुर्वेद में पित्त दोष संतुलित करके पित्ती रोग का इलाज किया जाता है।
Q3: क्या पित्ती रोग बच्चों में आम है?
हाँ, बच्चों में इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण यह अधिक आम होता है।
Q4: क्या पित्ती रोग में खुजली के लिए क्रीम लगानी चाहिए?
हाँ, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एंटी-इच क्रीम से राहत मिलती है।
Q5: क्या पित्ती रोग में व्यायाम करना ठीक है?
हल्का व्यायाम और योग लाभदायक होते हैं, लेकिन पसीने से बचना चाहिए।
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